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Omega 3 Fatty Acid की ओवरडोज: जानें इसके साइड इफेक्ट्स और कैसे बचें इससे होने वाली बीमारियों से!

Dr. Rahul Verma 1831 Views
Published: 25 Oct 2024
Updated: 28 Oct 2024
Overdose of Omega 3 Fatty Acid

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 Fatty Acid) हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ये ट्राइग्लिसराइड्स (blood triglycerides) को कम करते हैं, गठिया के लक्षणों को राहत देते हैं और सूजन को कम करते हैं। लेकिन, किसी भी चीज़ का अत्यधिक सेवन, जैसे कि ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 Fatty Acid), आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। 

कई रिपोर्ट्स के अनुसार, बहुत अधिक ओमेगा 3 फैटी एसिड्स के सेवन से कई समस्याएँ हो सकती हैं। अगर आप भी बहुत सारे ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 Fatty Acid) का सेवन करते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। इसमें हम ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के अधिक सेवन के दुष्प्रभाव और उनके प्रभावी इलाज के बारे में बात करेंगे। 

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 Fatty Acid) के साइड इफेक्ट्स 

अगर आप ओमेगा 3 फैटी एसिड्स के दुष्प्रभावों से परिचित हैं, तो इसे सीमित मात्रा में लेना आसान होगा। आइए जानते हैं इन साइड इफेक्ट्स के बारे में: 

  • ब्लीडिंग (Bleeding):
    ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 Fatty Acid) का अत्यधिक सेवन नाक और मसूड़ों से खून आने का कारण बन सकता है। कई रिपोर्ट्स में स्वस्थ लोगों में भी बार-बार खून आने की घटनाएं देखी गई हैं। इसके अलावा, जिन लोगों ने खून पतला करने वाली दवाइयां ली हैं, उन्हें भी ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का सेवन नहीं करना चाहिए।

  • बढ़े हुए रक्त शर्करा (Blood Glucose) स्तर:
    ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 Fatty Acid) डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं क्योंकि ये रक्त शर्करा स्तर को बढ़ा सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि रोजाना 8 ग्राम ओमेगा-3 लेने से टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में रक्त शर्करा 22% बढ़ गया। इसलिए, अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो ओमेगा 3 का सेवन करते समय सतर्क रहें।

  • कम ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure):
    ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 Fatty Acid) ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं, जो उच्च ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए लाभकारी हो सकता है। लेकिन जिनका ब्लड प्रेशर पहले से ही कम है, उनके लिए यह हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स ब्लड प्रेशर कम करने वाली दवाओं के साथ मिलकर असर कर सकते हैं। इसलिए, अगर आप उच्च ब्लड प्रेशर की दवाएं ले रहे हैं, तो ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

  • अनिद्रा (Insomnia):
    ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 Fatty Acid) का अत्यधिक सेवन भी नींद की समस्या पैदा कर सकता है। इससे आपको बेचैनी हो सकती है और आपकी नींद का रूटीन बिगड़ सकता है। कुछ मामलों में, यह दिल की धड़कन को बढ़ा सकता है और नींद की अनियमितताओं को और बढ़ा सकता है, जिससे अनिद्रा की समस्या और गंभीर हो सकती है।

  • डायरिया (Diarrhea):
    ओमेगा 3 के उच्च मात्रा में सेवन से पाचन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि पेट फूलना और गैस। अधिक मात्रा में सेवन से दस्त भी हो सकते हैं। इन समस्याओं को कम करने के लिए, छोटी मात्रा में सेवन करें और हमेशा भोजन के साथ लें। इससे पेट की समस्याएं कम होंगी और अवशोषण भी बेहतर होगा। दिनभर में छोटे-छोटे हिस्सों में सेवन करने से पाचन समस्याएं और भी कम हो सकती हैं।

  • एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux):
    ओमेगा-3 फैटी एसिड्स दिल के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं, लेकिन इनकी उच्च वसा सामग्री के कारण एसिड रिफ्लक्स, हार्टबर्न, डकार, मिचली और पेट की असुविधा हो सकती है। इन समस्याओं को कम करने के लिए, मध्यम मात्रा में सेवन करें और हमेशा भोजन के साथ लें। दिनभर में छोटे-छोटे हिस्सों में सेवन करने या एंटेरिक-कोटेड सप्लीमेंट्स का उपयोग करने से भी पाचन समस्याओं को कम किया जा सकता है।

  • स्ट्रोक (Stroke):
    हैमरेजिक स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग की कमजोर नसें फट जाती हैं, जिससे अंदरूनी खून बहता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो खून को पतला करते हैं, इसके कारण स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि ये खून के थक्के बनने की क्षमता को कम कर देते हैं। इसलिए, ओमेगा 3 का सेवन मध्यम मात्रा में करना जरूरी है और इसके फायदे और जोखिमों के बीच संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

  • विटामिन ए विषाक्तता (toxicity):
    कुछ ओमेगा 3 सप्लीमेंट्स, जैसे कि कॉड लिवर ऑयल, में विटामिन ए की अधिक मात्रा होती है, जो अधिक सेवन से हानिकारक हो सकती है। एक चम्मच कॉड लिवर ऑयल आपकी दिनभर की विटामिन ए की जरूरत का 450% से अधिक दे सकता है। अत्यधिक सेवन से चक्कर, उल्टी, और जोड़ों में दर्द जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, और समय के साथ यह लिवर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए, अपने सप्लीमेंट के विटामिन ए कंटेंट पर नज़र रखें और मध्यम मात्रा में सेवन करें। 

ओमेगा 3 के साइड इफेक्ट्स से कैसे बचें?

ओमेगा-3 (Omega 3) के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए, सबसे पहले, केवल डॉक्टर की सलाह पर ही सप्लीमेंट लें। इसके अलावा, अपने खाने में प्राकृतिक ओमेगा-3 वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें, जैसे जंगली मछलियाँ, चिया बीज, अखरोट, और फ्लैक्ससीड्स। ये खाद्य पदार्थ आपको ओमेगा-3 देते हैं बिना सप्लीमेंट्स के खतरे के। 

साइड इफेक्ट्स जैसे बुरे स्वाद से बचने के लिए, अच्छी गुणवत्ता के ओमेगा 3 सप्लीमेंट्स चुनें। सभी मछली के तेल एक जैसे नहीं होते; कुछ जल्दी खराब हो सकते हैं। इसलिए, ट्राइग्लिसराइड (triglyceride) रूप में और एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) जैसे एस्टैक्सैंथिन (astaxanthin) वाले तेल लें ताकि ये ताजे और असरदार रहें। 

निष्कर्ष

अब जब आप ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 Fatty Acid) के अधिक सेवन से होने वाले संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में जान गए हैं, तो आप इन्हें कम करने के उपाय कर सकते हैं। आम समस्याओं में पाचन संबंधी परेशानियाँ, हार्टबर्न (Heart Burn), और विटामिन ए (Vitamin A) की विषाक्तता शामिल हैं। इनसे बचने के लिए, अपने सेवन की निगरानी करें और एंटीऑक्सीडेंट्स (antioxidants) वाले उच्च गुणवत्ता वाले सप्लीमेंट्स का चयन करें। अपने आहार में फैटी फिश, चिया बीज (chia seed), और अखरोट जैसे प्राकृतिक ओमेगा 3 (omega 3) स्रोत शामिल करना भी फायदेमंद रहेगा। समझदारी से चयन करके, आप ओमेगा-3 (Omega 3) के लाभों का आनंद ले सकते हैं और नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल: (Frequently Asked Questions)

  1. क्या मैं बहुत अधिक ओमेगा-3 फैटी एसिड ले सकता हूँ?

    Answer:- अगर आप अपनी डाइट में रोज़ 3 ग्राम या उससे अधिक ओमेगा-3 फैटी एसिड ले रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। इन फैटी एसिड के उच्च स्तर से खून बहने या अन्य समस्याएँ हो सकती हैं।

  2. ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए सबसे अच्छे खाद्य स्रोत कौन से हैं?

    Answer:- फिश (मछली) ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे अच्छा स्रोत है। इसके अलावा, चिया बीज, अखरोट, और फ्लैक्ससीड्स भी अच्छे स्रोत हैं।

  3. क्या ओमेगा-3 त्वचा के लिए अच्छा है?

    Answer:- हाँ, ओमेगा-3 फैटी एसिड त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है। यह त्वचा के तेल उत्पादन को नियंत्रित करता है, हाइड्रेशन को संतुलित करता है, ब्रेकआउट्स को कम करता है और रिंकल्स को घटाता है।

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